धूमिल मात्र अनुभूति के कवि नहीं, विचार के कवि थे, आम आदमी की टूटकर बिखरी हुई आवाज को स्वर देने वाले कवि थे।
प्रेम में असफल छात्राएँ
अध्यापिकाएँ बन गई हैं
और रिटायर्ड बूढ़े
सर्वोदयी-
आदमी की सबसे अच्छी नस्ल
युद्धों में नष्ट हो गई
देश का सबसे अच्छा स्वास्थ्य
विद्यालयों में
संक्रामक रोगों से ग्रस्त है
- सुदामा पांडेय धूमिल